क्यों खास है मंडी जिले का देव रथ? यहां के देवी-देवताओं की विशिष्टताओं और धार्मिक परंपराओं को जानें
04
यह रथ ब्यास ऋषि के पुत्र और ऋषि पराशर के पोते ऋषि शुकदेव का है, जो एक महान ऋषि माने जाते हैं। एक कथा के अनुसार जब भगवान शिव माता पारबती को अमरत्व की गाथा सुना रहे थे तो बीच में ही भगवान शिव को नींद आ गई, लेकिन पूरी गाथा एक तोते ने सुन ली थी। वहां शुकदेव ऋषि थे, जिसके बाद वे अमर हो गए और ब्यास ऋषि ने उन्हें अपने पुत्र का स्थान दिया।