मंडी में महापंचायत बैठक: 18 संगठनों ने मिलाया हाथ; एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे-मंडी (हिमाचल प्रदेश) समाचार
महापंचायत में भाग ले रहे प्रदेश के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी
हिमाचल के मंडी जिले में राज्य स्तरीय महापंचायत का आयोजन किया गया है. एससी, एसटी, ओबीसी और सभी अल्पसंख्यक उपजातियों के अधिकारों के लिए कौन लड़ेगा? इस महापंचायत में करीब 18 संगठनों ने अपना समर्थन जताया है. मंडी में उनकी बैठक में इन सभी संगठनों ने हिस्सा लिया
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समाज के लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा बैठक में निर्णय लिया गया कि आज के समय में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए संविधान में उल्लिखित अधिकांश सुविधाएं सरकारों द्वारा पूरी नहीं की जा रही हैं. इस कारण इस समाज के लोगों में काफी आक्रोश है. इसी वजह से अब सरकार के खिलाफ अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए एक साझा मंच बनाया गया है, जिसे महापंचायत के नाम से जाना जाता है। सभी संगठनों के लोग मिलकर काम करेंगे. इसमें कोई अध्यक्ष नहीं होगा, सभी सदस्य होंगे और सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिलेगा.
महापंचायत के बैनर तले सामाजिक मुद्दों को संबोधित किया जाता है बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए हिमाचल प्रदेश कोली समाज के प्रदेश अध्यक्ष अमर चंद सलट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हमें नजरअंदाज किया जा रहा है जबकि देश के करीब पांच राज्यों में कानून बनाकर इस समुदाय के लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है. घर-गृहस्थी में भाग लेना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे समुदाय के लोगों की संख्या करीब पचास फीसदी है, ऐसे में उनके अधिकारों के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है.
वहीं, महापंचायत के सदस्य सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रकाश चंद ने कहा कि ऐसे वर्गों के लिए महापंचायत का गठन किया गया है, जो संविधान के प्रावधानों से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस समाज की समस्याओं को महापंचायत के बैनर तले उठाया जाएगा और उन्हें पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा.