मंडी में स्वच्छ भारत मिशन ध्वस्त, सुकेती खड्ड में लगे कूड़े के ढेर
बाज़ार। मंडी नगर निगम के पडल क्षेत्र से बहने वाली सकोडी खड्ड में गंदगी का नजारा साफ दिखाई देता है और स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों के विपरीत नजर आता है। शहर में रहने वाले प्रवासी और निवासी भी अक्सर अपना कचरा इस घाटी में फेंक देते हैं, जिससे यह जलाशय कूड़े के ढेर में बदल गया है।
मंडी के पर्यावरणविद नरेंद्र सैनी के मुताबिक शहर में रहने वाले प्रवासी अस्थायी दुकानें लगाते हैं और सामान बेचने के बाद बचा हुआ कूड़ा सीधे इसी खड्ड में फेंक देते हैं। इस घाटी के बीच में प्लास्टिक और कचरे से भरे बैग देखे जा सकते हैं, जो जल प्रदूषण का कारण बनते हैं और मानव जीवन और जलीय जीवन के लिए एक बड़ा खतरा साबित होते हैं।
सकोडी गॉर्ज ब्यास नदी में बहती है
यह साकोरी कण्ठ आगे चलकर ब्यास नदी में मिल जाता है और इस प्रदूषित पानी का उपयोग कई ग्रामीण क्षेत्रों की जल आपूर्ति प्रणालियों में भी किया जाता है। नरेंद्र सैनी का कहना है कि कई ग्रामीण इलाकों में लोग यह पानी पीते हैं, जिससे बीमारी का खतरा रहता है। इसके अलावा इस समय ब्यास और सकोडी खड्ड में कई प्रवासी पक्षी भी आते हैं और कभी-कभी प्लास्टिक खाने के कारण अपनी जान भी गंवा देते हैं।
नगर प्रशासन से अपील
नरेंद्र सैनी ने मंडी नगर पालिका के अधिकारियों से इन प्रवासियों का कूड़ा एकत्र कर सीधे डंपिंग साइट पर ले जाने को कहा है. साथ ही घाटी को गंदा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत न कर सके.
जल प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभाव
हेपेटाइटिस, हैजा, पेचिश और टाइफस जैसी जलजनित बीमारियाँ मुख्य रूप से दूषित पानी से फैलती हैं और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम हैं। प्रदूषित पानी के संपर्क में आने से दस्त, त्वचा रोग, श्वसन रोग और पानी में मौजूद प्रदूषकों के कारण होने वाली अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं। रुके हुए और अनुपचारित पानी में मच्छर और परजीवी कीड़े भी पनपते हैं, जो कई घातक बीमारियों का कारण बनते हैं।
टैग: हिमाचल न्यूज़, स्थानीय18, मंडी समाचार
पहले प्रकाशित: 11 नवंबर, 2024, दोपहर 1:35 बजे IST