हिमाचल के बागवानी मंत्री मानहानि मामला: दो पूर्व सीएम समेत नौ बीजेपी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस; 4 सप्ताह में देना होगा जवाब-शिमला न्यूज़
हिमाचल हाईकोर्ट ने बागवानी एवं वित्त मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में भारतीय जनता पार्टी के नौ वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बीजेपी नेताओं को चार हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है.
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न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने निचली अदालत द्वारा आरोपियों को नहीं बुलाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किए।
कोर्ट ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री विपिन सिंह परमार, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और पूर्व मंत्री रवींद्र की भी सुनवाई की है. आरोपी रवि और बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा शामिल हैं.
उद्यान मंत्री जगत सिंह नेगी ने भाजपा नेताओं पर मानहानि का मुकदमा दायर किया है
बीजेपी ने नेगी पर गंभीर आरोप लगाए थे
दरअसल, 24 दिसंबर 2016 को बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को एक चार्जशीट सौंपी थी. इस चार्जशीट में किन्नौर के तत्कालीन कांग्रेस सांसद जगत सिंह नेगी पर गंभीर आरोप लगाए गए थे.
इस संबंध में जगत नेगी ने 2017 में सीजेएम किन्नौर के समक्ष आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 10 भाजपा नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। मामले में तत्कालीन सीजेएम ने सिर्फ एक भाजपा नेता तेजवंत नेगी को तलब किया था।
जगत नेगी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी
इस मामले में बाकी वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को समन जारी न करने के आदेश के खिलाफ जगत सिंह नेगी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के शीर्ष नेताओं को तलब किया है. इस याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नौ बीजेपी नेताओं को नोटिस भी जारी किया.